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नमक नहीं, केला है असरदार – ब्लड प्रेशर को लेकर नई रिसर्च ने बदली सलाह!

 आजकल हाई ब्लड प्रेशर यानी हाईपरटेंशन की समस्या हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। दशकों से नमक की मात्रा को कम करने की सलाह दी जाती रही है, लेकिन अब एक नई रिसर्च ने चौंका देने वाला दावा किया है – केले में मौजूद पोटैशियम, नमक से ज्यादा असरदार साबित हो सकता है ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में।

उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की धमनियों में खून का दबाव बहुत अधिक हो जाता है। इसे अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि इसके कोई खास लक्षण नहीं होते लेकिन ये दिल की बीमारी, स्ट्रोक, किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

परंपरागत रूप से, हाई बीपी से बचाव के लिए सबसे पहला सुझाव दिया जाता है – “नमक कम करें।” लेकिन हाल ही में आई एक नई रिसर्च ने इस सोच को चुनौती दी है और बताया है कि केले में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर कम करने में और भी ज़्यादा प्रभावी हो सकता है।

ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर – एक साइलेंट किलर

  • भारत में हर तीसरा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित

  • कारण: स्ट्रेस, खराब खानपान, मोटापा, और नमक का अत्यधिक सेवन

  • लक्षण: सिर दर्द, चक्कर आना, थकान, दिल की धड़कन तेज़ होना

  • डॉक्टर सालों से कह रहे हैं – नमक कम खाएं

  • WHO: रोज़ाना 5 ग्राम से अधिक नमक हानिकारक

  • लेकिन क्या सिर्फ नमक कम करना ही उपाय है?

नई रिसर्च क्या कहती है?

  • यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित स्टडी

  • हाई पोटैशियम डाइट वाले लोग, कम ब्लड प्रेशर के साथ देखे गए

  • नमक कम करने से ज़्यादा असर दिखाया पोटैशियम बढ़ाने ने

केला – पोटैशियम का राजा

  • एक मीडियम साइज केला = 400mg पोटैशियम

  • रोज़ाना दो केले ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मददगार

  • केला दिल के लिए भी फायदेमंद

केले के साथ-साथ ये भी खाएं

  • पोटैशियम रिच फूड्स:

    • पालक, शकरकंद, टमाटर, संतरा, मटर, दही

  • मिलाएं डाइट में – बैलेंस बना रहेगा

कितना पोटैशियम चाहिए?

  • WHO की सलाह:

    • रोजाना 3500-4700mg पोटैशियम

  • लेकिन डायबिटिक, किडनी पेशेंट्स को डॉक्टर की सलाह ज़रूरी

पोटैशियम से सावधान कब रहें?

  • किडनी पेशेंट्स में हाई पोटैशियम जानलेवा हो सकता है

  • लक्षण: मतली, सुस्ती, अनियमित धड़कन

जीवनशैली में करें ये बदलाव

  • हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज़

  • तनाव कम करें – योग और ध्यान अपनाएं

  • धूम्रपान, शराब से दूरी

क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?

  • कार्डियोलॉजिस्ट्स का मानना:

    • नमक कम + पोटैशियम बढ़ाएं = हेल्दी ब्लड प्रेशर

  • सिर्फ दवाओं पर निर्भर न रहें

समयभोजन
सुबह1 केला + गुनगुना पानी
नाश्तादलिया + अंडा
दोपहररोटी + पालक सब्ज़ी + दही
शामनारियल पानी / छाछ
रातखिचड़ी + उबली सब्ज़ियाँ

नई रिसर्च का निष्कर्ष: केला बनाम नमक

हाल ही में एक हेल्थ स्टडी (Lancet Journal, 2025) में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से केला खाते हैं, उनका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर औसतन 7 mmHg तक कम देखा गया, जो कि लो-सोडियम डाइट वाले लोगों की तुलना में अधिक था।

मुख्य बिंदु:

  • केले में उच्च मात्रा में पोटैशियम होता है, जो सोडियम के प्रभाव को संतुलित करता है।

  • पोटैशियम धमनियों को आराम देने में मदद करता है।

  • रोज़ाना 1-2 केले खाना हाई बीपी को कंट्रोल करने में कारगर साबित हो सकता है।

केला कैसे करता है काम?

केला ब्लड प्रेशर को कम करने में निम्नलिखित तरीकों से मदद करता है:

  1. सोडियम का प्रभाव कम करता है: पोटैशियम सोडियम को यूरिन के ज़रिए बाहर निकालने में मदद करता है।

  2. धमनी की दीवारों को करता है लचीला: इससे रक्त का प्रवाह बेहतर होता है।

  3. मांसपेशियों को आराम: हृदय की मांसपेशियों पर कम दबाव पड़ता है।

🍌 केला बनाम अन्य पोटैशियम फूड्स

फल/सब्जीपोटैशियम (100 ग्राम में)
केला358 mg
एवोकाडो485 mg
पालक558 mg
मीठा आलू337 mg
तरबूज112 mg

🩺 विशेषज्ञों की राय

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एंथनी वेल्स कहते हैं:

“अगर कोई व्यक्ति अपने डेली रूटीन में केला शामिल करता है और साथ ही नमक की मात्रा को नियंत्रित रखता है, तो उसे मेडिकेशन की ज़रूरत भी कम हो सकती है।”

🍽️ कैसे खाएं केला?

  • सुबह खाली पेट 1 केला।

  • स्मूदी में मिलाकर।

  • ओट्स, पीनट बटर के साथ।

  • सलाद में कटा हुआ केला।

  • लो-शुगर बनाना ब्रेड।

❗ ध्यान दें: डायबिटीज़ पेशेंट्स को केला सीमित मात्रा में खाना चाहिए।

🚫 कब न खाएं केला?

कुछ विशेष हालातों में केले से बचना चाहिए:

  • किडनी की समस्या: अधिक पोटैशियम खतरनाक हो सकता है।

  • डायबिटीज़: केला शुगर में उच्च होता है।

  • एलर्जी: कुछ लोगों को केला खाने से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।

📉 केला और ब्लड प्रेशर की रिपोर्ट – 2025 स्टडी

रिसर्च पैरामीटरपरिणाम (केला खाने वाले)परिणाम (कम नमक वाले)
सिस्टोलिक बीपी-7 mmHg-4 mmHg
डायस्टोलिक बीपी-3 mmHg-2 mmHg
हार्ट हेल्थ इंडेक्स+10%+7%

✅ निष्कर्ष:

“अब वक्त है सलाह बदलने का। नमक की बजाय पोटैशियम को दें प्राथमिकता। केला न केवल स्वादिष्ट है बल्कि स्वास्थ्य के लिए वरदान है।”

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