AI से आम की खेती
भारत में आम को फलों का राजा कहा जाता है, और जब इसकी खेती में आधुनिक तकनीक – जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) – का समावेश होता है, तो परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। राजस्थान के भरतपुर ज़िले में एक किसान ने 300 बीघा ज़मीन पर आम की खेती कर, AI की मदद से उत्पादन को इतना बढ़ाया कि यह फार्म अब भारत का सबसे बड़ा आम उत्पादक स्थल बन गया है। आइए जानते हैं कैसे।
AI यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक ऐसी तकनीक है जो डेटा को समझकर फैसले लेती है। खेती में इसका उपयोग इस प्रकार होता है:
मिट्टी की गुणवत्ता जांचना
मौसम की सटीक भविष्यवाणी
कीट रोग की पहचान और नियंत्रण
सिंचाई और पोषण का प्रबंधन
फसल की वृद्धि की निगरानी
AI से जुड़े टूल जैसे ड्रोन, IoT सेंसर, स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम, मोबाइल ऐप्स और डेटा एनालिटिक्स आम की खेती में क्रांति ला रहे हैं।
AI का एक बड़ा फायदा यह है कि यह किसानों को सटीक और समय पर निर्णय लेने में मदद करता है, जिससे उनकी पैदावार, गुणवत्ता और मुनाफा तीनों में सुधार होता है।

यह फार्म राजस्थान के किसान वीरेंद्र सिंह ने शुरू किया था। पहले परंपरागत तरीकों से खेती करते थे, लेकिन उत्पादन कम था और लागत अधिक। 2021 में उन्होंने IIT और कृषि वैज्ञानिकों की मदद से AI तकनीक अपनाने का फैसला किया।
उन्होंने जमीन की मैपिंग करवाई
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाया
IoT आधारित सेंसर लगाए
एक AI ऐप से सारी फसल की जानकारी मॉनिटर करने लगे
उन्होंने विशेष रूप से आम की उन किस्मों का चयन किया जो जलवायु के अनुसार अनुकूल थीं और बाज़ार में जिनकी मांग अधिक थी जैसे कि दशहरी, अल्फांसो और लंगड़ा।
🛰️ अध्याय 3: स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग
ड्रोन:
हर सप्ताह फसल का हवाई निरीक्षण
कीटों और बीमारियों का पहचान
स्मार्ट सेंसर:
नमी, तापमान और पोषक तत्वों की लाइव निगरानी
AI ऐप:
स्मार्ट सिफारिशें देता है कि किस दिन कितनी सिंचाई करनी है या कौन सा कीटनाशक देना है।
डेटा एनालिटिक्स:
पिछले वर्षों के डेटा से तुलना कर उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बनाता है।
स्मार्ट वेयरहाउसिंग:
तापमान नियंत्रित भंडारण जो आमों की शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है
ऑटोमैटिक ग्रेडिंग मशीनें जो आम को आकार, वजन और रंग के अनुसार छांटती हैं
AI तकनीक अपनाने के बाद:
उत्पादन 40% बढ़ा
कीटनाशकों और खाद की लागत में 30% की कमी
पानी की खपत 60% कम हुई
सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये तक पहुँच गया
इसके अलावा:
मजदूरी की आवश्यकता में भी संतुलन आया, जिससे समय की बचत हुई
आमों की क्वालिटी इतनी बेहतर हुई कि निर्यात की डिमांड अपने आप बढ़ गई
2024 में, इस फार्म को ‘भारत का सबसे उत्पादक मैंगो फार्म’ का पुरस्कार मिला।
15 से अधिक आम की किस्में उगाई जाती हैं
200+ मज़दूरों को रोजगार
आमों का निर्यात अमेरिका, UAE और यूरोप में होता है
AI आधारित फार्म मैनेजमेंट सिस्टम से हर पौधे का डेटा रिकॉर्ड होता है
फार्म का एक खास सेक्शन “AI प्रयोगशाला” के नाम से जाना जाता है, जहां रोज़ाना ड्रोन फ्लाइट, सेंसर रीडिंग और मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट्स तैयार की जाती हैं।
🔧 अध्याय 6: अन्य किसानों के लिए सीख
इस फार्म से यह समझा जा सकता है कि:
शुरुआत में लागत अधिक हो सकती है लेकिन लंबी अवधि में लाभ अपार है।
AI से निर्णय सटीक होते हैं
उत्पादन का डेटा मोबाइल में रखना आसान हो जाता है
निर्यात के लिए क्वालिटी मेंटेन करना आसान
क्लाइमेट चेंज के असर को भी AI सॉफ्टवेयर से मॉनिटर किया जा सकता है
🚀 अध्याय 7: भविष्य की योजनाएं
AI से फलों की ग्रेडिंग और पैकिंग सिस्टम लगाना
फार्म टूरिज्म को बढ़ावा देना
एग्री-टेक स्टार्टअप लॉन्च करना
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से सप्लाई चेन ट्रैकिंग शुरू करना
भारत के अन्य हिस्सों में ऐसी ही AI आधारित फार्मिंग को बढ़ावा देना
🔚 निष्कर्ष
AI ने भारतीय कृषि, खासकर फलोद्यान (Horticulture) में एक नई जान फूंक दी है। आम की खेती में यह तकनीक न केवल उत्पादकता बढ़ा रही है बल्कि वैश्विक बाज़ार में भी भारतीय आम की मांग को नई ऊंचाई पर पहुंचा रही है। 300 बीघा में फैला यह स्मार्ट मैंगो फार्म इस बात का उदाहरण है कि भविष्य की खेती कैसा दिखेगी।
AI के साथ खेती एक प्रोफेशनल बिज़नेस की तरह हो गई है – डेटा, टेक्नोलॉजी और नवाचार से परिपूर्ण। यह फार्म न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से सफल है बल्कि यह सामाजिक रूप से भी लोगों को रोजगार, तकनीकी ज्ञान और आत्मनिर्भरता प्रदान कर रहा है। यही कारण है कि यह फार्म भारत का सबसे बड़ा नहीं बल्कि सबसे प्रभावशाली मैंगो फार्म बन चुका है।