चिंकी बंदर की चालाकी
एक जंगल में चिंकी बंदर अपनी पत्नी पिंकी बंदर के साथ रहता था। जंगल में उसे बहुत कम खाना मिलता था, जिससे वह हमेशा परेशान रहता था।
चिंकी बंदर पूरा दिन सोता रहता था। एक दिन उसकी पत्नी पिंकी ने कहा, “सुनो, कुछ ऐसा करो जिससे हमें अच्छा खाना मिल सके।”
चिंकी बंदर बोला, “मैं क्या करूँ? वह भोला हाथी सारे केले खा जाता है। अगर मैं एक या दो केले भी लेने जाता हूँ, तो वह पूरा पेड़ हिला देता है और मुझे नीचे गिरा देता है। दो साल पहले तो मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई थी।” चिंकी के पास एक छोटा बच्चा भी था, और वह दोनों अपने खाने की चिंता में रहते थे।
एक दिन चिंकी बंदर ने कहा, “सुनो पिंकी, मैं सोच रहा हूँ कि मैं शहर जाऊं। मैंने सुना है कि वहाँ बहुत खाना मिलता है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो मैं वापस आकर तुम्हें भी ले आऊँगा।”

अगले दिन चिंकी बंदर शहर पहुंच गया। वहाँ उसे बहुत अच्छा खाना मिलने लगा। कभी किसी के ठेले पर, कभी रास्ते में फल और खाने की चीजें इकट्ठा करता।
एक दिन चिंकी बंदर एक जगह बैठकर आराम कर रहा था। तभी उसने एक जादूगर को जादू करते देखा। लोग ताली बजा रहे थे और जादूगर को पैसे दे रहे थे। चिंकी को यह काम बहुत अच्छा लगा। उसने सोचा, “मैं भी जादू क्यों न सीखूँ, तो जंगल के सभी जानवर मुझे खाना देंगे और मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।”
अब चिंकी बंदर दिन में जादू की ट्रिक्स सीखने लगा। धीरे-धीरे उसे जादू दिखाने का पूरा तरीका आ गया।
जादूगर के पास बहुत सारा सामान था। एक रात, चिंकी ने जादूगर का कुछ सामान चुरा लिया और उसे एक बैग में डाल लिया। जाते वक्त उसने जादूगर की टोपी भी चुरा ली और गांव की ओर चल पड़ा। गांव में पहुंचने के बाद, उसने अपनी पत्नी पिंकी से कहा, “अब देखो, मैं क्या करता हूँ। बस इस टोपी और कपड़ों को सही से बना लो, फिर हमें कभी भी खाने की कमी नहीं होगी।”

पिंकी ने उसके कपड़े छोटे किए और टोपी भी छोटी कर दी। अगले दिन, चिंकी बंदर ने सभी जानवरों को बुलाया और उन्हें अपना जादू दिखाने के लिए कहा।
चिंकी बंदर तैयार हुआ और लकड़ी की छड़ी लेकर जादू दिखाने लगा। जंगल के सभी निर्दोष जानवर उसके जादू को देखकर हैरान हो गए। चिंकी ने एक टेबल के बीच एक कटोरी रखी। फिर उसने उस पर कपड़ा डाला। कपड़ा हटा तो वहां आधे केले गायब थे। चिंकी ने कहा, “भोले हाथी, तुम्हारे केले यहां रखो, मैं जादू से आधे केले गायब कर दूँगा।”
भोला हाथी ने कुछ केले रखे। फिर पिंकी ने सब कुछ समझा और वह टेबल के नीचे बैठी। चिंकी ने केले को कपड़े से ढक दिया और टेबल के छेद से आधे केले निकाल लिए।
चिंकी ने कपड़ा हटाया तो वहां आधे केले ही थे। यह देखकर सभी जानवर ताली बजाने लगे। चिंकी ने कहा, “मैं किसी का भी खाना गायब कर सकता हूँ। अगर आप सब अपने खाने का आधा हिस्सा मुझे देना चाहते हैं, तो मैं आपका खाना गायब कर सकता हूँ।”
यह सुनकर सभी जानवर डर गए। अगले दिन से सभी ने अपना आधा खाना चिंकी बंदर के पास रखना शुरू कर दिया।
चिंकी, पिंकी और उनका बच्चा खुशी-खुशी खाना खाते रहे। चिंकी पूरा दिन सोता रहता था।
समय यूँ ही बीत रहा था, लेकिन जंगल के जानवर बहुत परेशान थे। वे मुश्किल से खाना इकट्ठा करते और फिर उसे चिंकी को आधा देना पड़ता।
एक दिन एक तोता शहर से अपने घर लौट आया। वह शहर में सर्कस में काम करता था और बहुत सारा सामान लाया था। उसने सारा सामान अपने परिवार को दिया और फिर अपने दोस्तों से मिलने जंगल में गया।
जंगल के जानवरों ने उसे सब कुछ बताया। यह सुनकर तोते ने कहा, “वह तुम्हें मूर्ख बना रहा है। हमारे सर्कस में भी जादू है, लेकिन खाना अदृश्य नहीं होता, बस वह छिपा दिया जाता है। तुम उससे फिर से जादू करने को कहो, मैं उसे सबक सिखाऊँगा।”
भोला हाथी बहुत गुस्से में आया और अन्य जानवरों के साथ चिंकी बंदर के पास गया और कहा, “जादूगर भाई, हमें फिर से तुम्हारा जादू दिखाओ।”

चिंकी बंदर बोला, “मेरे लिए अब सोने का समय हो गया है, कल उसी समय आ जाना।”
अगले दिन सभी जानवर खेत में इकट्ठा हुए। भोला हाथी ने कहा, “भाई, जैसा तुमने पहले मेरे आधे केले गायब किए थे, वैसे अब फिर से दिखाओ।”
चिंकी बंदर बोला, “अरे, यह तो कोई बड़ी बात नहीं है, मुझे केले दो।”
भोला हाथी ने केले टेबल पर रखे। दूर एक पेड़ पर बैठा तोता सब कुछ देख रहा था। जैसे ही चिंकी आया, उसने केले को कपड़े से ढक दिया और लकड़ी घुमाकर जादू करने लगा। तोता उड़ते हुए टेबल पर रखा कपड़ा ले गया।
सभी ने देखा कि पिंकी बंदर टेबल के नीचे बैठकर खुशी-खुशी केले खा रही थी। अब सबको चिंकी की चालाकी का पता चल गया। भोला हाथी ने अपनी थूथन से चिंकी बंदर को उठा लिया। वह डर से कांपने लगा।
भोला हाथी ने कहा, “अब तुम्हें पूरा दिन जंगल से खाना इकट्ठा करके हमें देना होगा। तुम बहुत आराम कर चुके हो, अब तुम्हें सभी जानवरों के लिए खाना इकट्ठा करना होगा, नहीं तो मैं तुम्हें कुचल दूँगा।”
चिंकी बंदर ने माफी मांगी और अगले दिन से खाना इकट्ठा करना शुरू किया। पिंकी बंदर ने भी उसकी मदद की।