Zero से करोड़पति-जब सपना बना जुनून
शेयर बाजार एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ हर कोई करोड़पति बनने का सपना देखता है, लेकिन बहुत कम लोग उस सपने को हकीकत में बदल पाते हैं। यह ब्लॉग एक ऐसे ही रिटेल इन्वेस्टर की सच्ची और प्रेरणादायक कहानी है, जिसने सिर्फ ₹10,000 से शुरुआत कर के 5 साल में 1 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई। आइए जानें उसकी सोच, रणनीति, चुनौतियाँ और अंततः उसकी सफलता की कहानी।
शुरुआत – डर और उम्मीदों के बीच

पहली गलती – टिप्स पर भरोसा करना
शुरुआत में सोशल मीडिया और यूट्यूब पर चलने वाली “हॉट टिप्स” पर भरोसा किया गया।
कुछ छोटे शेयरों में पैसा लगाया और 50% का नुकसान हुआ।
पहली गलती – टिप्स पर भरोसा करना
जब उन्होंने निवेश की शुरुआत की, तब उन्हें शेयर बाजार के बारे में बहुत कम जानकारी थी। उन्होंने कुछ यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया ग्रुप्स पर भरोसा कर के बिना रिसर्च के टिप्स पर पैसे लगाए और पहले ही 6 महीनों में ₹3,000 का नुकसान हो गया।
पहला सबक:
“शेयर बाजार में जल्दबाजी नहीं, समझदारी मायने रखती है।”
निवेश की सोच बदलना
उन्होंने निर्णय लिया कि अब आगे बढ़ने के लिए खुद को शिक्षित करना ज़रूरी है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण किताबें पढ़ीं:
The Intelligent Investor – Benjamin Graham
Common Stocks and Uncommon Profits – Philip Fisher
One Up On Wall Street – Peter Lynch
इन किताबों ने उन्हें सिखाया कि निवेश सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, बल्कि बिजनेस की क्वालिटी और लॉन्ग टर्म सोच पर आधारित होना चाहिए।

Fundamental Analysis की शुरुआत
Multibagger बनने की क्षमता वाले स्टॉक्स चुने जैसे:
Portfolio Diversification
सेक्टर | स्टॉक्स | होल्डिंग (%) |
---|---|---|
FMCG | HUL, Dabur | 15% |
Pharma | Divi’s Lab, Laurus Labs | 20% |
IT | TCS, Infosys | 25% |
Midcap | Deepak Nitrite, Dixon | 25% |
Gold ETF | HDFC Gold ETF | 10% |
Cash Reserve | FD, Liquid Funds | 5% |

डिसिप्लिन का कमाल – SIP और Patience
Systematic Investment Plan (SIP)
हर महीने ₹15,000 की SIP 3-4 स्टॉक्स में की गई।
Bear Market में भी SIP बंद नहीं की।
Long Term Holding का असर
स्टॉक्स को 3-5 साल तक होल्ड किया गया।
Compound Return का कमाल:
Dixon Tech – 6 गुना रिटर्न
नुकसान और उससे मिली सीख
गलती:
F&O में बिना अनुभव के 50 हज़ार का घाटा।
सीख:
“हमेशा खुद की सीमा पहचानो और उसी अनुसार निवेश करो।”

इन्वेस्टमेंट मंत्र – सफलता के सूत्र
5 मूल मंत्र:
सीखते रहो: हर दिन मार्केट से कुछ नया सीखें।
भावनाओं पर नियंत्रण: लालच और डर दोनों से बचें।
रिसर्च के बाद ही निवेश: सिर्फ दूसरों की बातों पर न जाएं।
लंबी अवधि का नजरिया रखें: समय के साथ रिटर्न आता है।
पोर्टफोलियो रिव्यू: हर 6 महीने में स्टॉक्स की समीक्षा करें।
5 साल की समरी – Zero से ₹1 करोड़ तक
वर्ष | निवेश राशि (₹) | पोर्टफोलियो वैल्यू (₹) | वार्षिक ग्रोथ (%) |
---|---|---|---|
1 | ₹1,20,000 | ₹1,08,000 | -10% |
2 | ₹3,60,000 | ₹4,00,000 | 11% |
3 | ₹6,00,000 | ₹8,10,000 | 35% |
4 | ₹8,40,000 | ₹16,50,000 | 104% |
5 | ₹12,00,000 | ₹1,03,00,000 | 525% |
1. सीखने से शुरुआत करें, कमाने से नहीं
शुरुआत में पैसा कमाने की बजाय समझने पर फोकस करें।
निवेश से पहले निवेश की भाषा (P/E, ROE, CAGR आदि) को समझें।
2. अच्छी किताबें पढ़ें
निवेश की सोच बदलने के लिए पढ़ें:
The Intelligent Investor
One Up On Wall Street
3. Fundamental Analysis ज़रूरी है
किसी भी स्टॉक में निवेश से पहले उसकी मूलभूत स्थिति जाँचें:
Debt to Equity Ratio
Promoter Holding
पिछले 5 साल का मुनाफा
4. SIP से Discipline बनाएं
हर महीने एक फिक्स अमाउंट निवेश करें।
मार्केट चाहे ऊपर जाए या नीचे – SIP जारी रखें।

5. F&O से दूर रहें (शुरुआत में)
बिना तैयारी के Futures और Options में हाथ डालना भारी नुकसान करवा सकता है।
पहले Equity में अनुभव लें।
6. Diversification करें
एक ही सेक्टर या कंपनी में पूरा पैसा न लगाएं।
अलग-अलग सेक्टर जैसे IT, Pharma, FMCG में संतुलन रखें।
7. लालच और डर पर नियंत्रण रखें
तेजी में लालच और गिरावट में डर दोनों निवेश को बर्बाद कर सकते हैं।
भावनाओं की बजाय डेटा और लॉजिक से निर्णय लें।
8. Insurance और Emergency Fund पहले बनाएं
निवेश शुरू करने से पहले खुद को सुरक्षा दें।
6 महीने का खर्च एक आपातकालीन फंड में रखें।
लक्ष्य तय करें और धैर्य रखें
अपने निवेश का एक लक्ष्य तय करें – जैसे 5 साल में ₹1 करोड़।
बाजार की अस्थिरता के बावजूद अपने लक्ष्य पर फोकस रखें।

निष्कर्ष: आम आदमी भी बन सकता है करोड़पति
यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हर उस रिटेल इन्वेस्टर की प्रेरणा है जो संघर्ष से नहीं डरता। ज्ञान, अनुशासन और धैर्य से कोई भी व्यक्ति शेयर बाजार से बड़ा लाभ कमा सकता है।
“Zero से करोड़पति बनने का सफर आसान नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं!”