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हनुमान जयंती 2025: पूजा विधि, महत्व और कथा 🙏

हनुमान जयंती एक प्रमुख हिंदू पर्व है, जो भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा को आता है और भारतवर्ष में इसे श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। भगवान हनुमान को बल, भक्ति और अटूट विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा और व्रत का आयोजन होता है जिससे मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

हनुमान जयंती

भगवान हनुमान का जन्म अंजनी माता और केसरी के पुत्र के रूप में हुआ था। वे भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं। रामायण में हनुमान जी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सीता माता की खोज की, संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी की रक्षा की और राम-रावण युद्ध में अहम योगदान दिया।

🪔 हनुमान जयंती पूजा विधि

1. स्नान और शुद्धता

प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. पूजा स्थल की तैयारी

भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करें।

3. दीपक और अगरबत्ती जलाना

घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं।

4. सिंदूर और चमेली का तेल अर्पण

भगवान को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।

5. प्रसाद चढ़ाना

बूंदी के लड्डू, लाल फूल और केले का भोग लगाएं।

6. मंत्र जाप

“ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।

7. हनुमान चालीसा का पाठ

हनुमान चालीसा पढ़ें और अंत में आरती करें।

🌍 भारत में हनुमान जयंती का उत्सव

इस दिन भारत के प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन, सुंदरकांड पाठ और शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। हज़ारों श्रद्धालु व्रत रखकर हनुमान जी के मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं। दक्षिण भारत में यह पर्व मार्गशीर्ष मास में मनाया जाता है।

🧘‍♂️ हनुमान जी के मंत्र और उनके लाभ

1. ॐ हं हनुमते नमः

इस मंत्र से भय, रोग और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

2. ॐ रामदूताय नमः

इससे मानसिक शांति और साहस की प्राप्ति होती है।

3. ॐ अंजनीसुताय नमः

यह मंत्र स्वास्थ्य और रोगों से मुक्ति के लिए प्रभावी है।

📅 हनुमान जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

हनुमान जयंती 2025 में 12 अप्रैल 2025 (चैत्र पूर्णिमा) को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 06:00 से दोपहर 12:00 बजे तक है (स्थान और पंचांग अनुसार बदलाव संभव)।

📌 हनुमान जयंती पर ध्यान देने योग्य बातें

  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।

  • मद्यपान, मांसाहार और क्रोध से बचें।

  • जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।

  • हनुमान जी को लाल रंग विशेष प्रिय है, अतः पूजा में लाल वस्त्रों और फूलों का उपयोग करें।

👶 हनुमान जी का जन्म – अंजनीपुत्र की अद्भुत कथा

हनुमान जी का जन्म माता अंजना और केसरी के पुत्र के रूप में हुआ था। कहते हैं कि जब अंजना देवी तपस्या कर रही थीं, तब वायु देव ने उन्हें भगवान शिव की कृपा से पुत्र रूप में हनुमान प्रदान किया। इसलिए उन्हें “मारुति” और “वायुपुत्र” भी कहा जाता है।

🌬️ हनुमान जी का वायुगति से उड़ना, बचपन में सूर्य को फल समझकर निगल जाना – यह उनकी अलौकिक शक्तियों की पहली झलक थी।

📖 हनुमान जी की शिक्षा और तपस्या

हनुमान जी को बाल्यकाल में अनेक ऋषियों से विद्या प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। उन्होंने सूर्य देव को गुरु बनाया और वेद-पुराणों, व्याकरण, आयुर्वेद, योग और बल विज्ञान में पारंगत हो गए।

🧘‍♂️ उनकी तपस्या और ब्रह्मचर्य आज भी युवाओं को आत्मसंयम और साधना की प्रेरणा देती है।

🙏 रामभक्ति में विलीन – श्रीराम के प्रति निःस्वार्थ प्रेम

हनुमान जी की सबसे प्रसिद्ध और प्रेरणास्पद कथा है – उनकी रामभक्ति। जब उन्होंने श्रीराम से भेंट की, तो उनका जीवन ही बदल गया। उन्होंने श्रीराम की सेवा को अपना जीवन-धर्म बना लिया।

🔸 सीता माता की खोज में उन्होंने लंका जाकर रावण से लोहा लिया।

🔸 लंका दहन के समय उनका पराक्रम और वीरता पूरे ब्रह्मांड में गूंज उठी।

🔸 राम सेतु निर्माण, संजीवनी बूटी लाना, और युद्ध में श्रीराम की रक्षा करना – ये सब उनकी भक्ति और समर्पण के अद्भुत उदाहरण हैं।

⚔️ लंका विजय में हनुमान जी की भूमिका

लंका पर श्रीराम की सेना के आक्रमण में हनुमान जी की भूमिका अत्यंत निर्णायक थी।

💪 उन्होंने अकेले कई राक्षसों का संहार किया और लक्ष्मण को संजीवनी बूटी से जीवनदान दिया।

🔥 उनके शौर्य का वर्णन करते हुए तुलसीदास जी ने लिखा –
“लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर॥”

📜 हनुमान जी का चरित्र – जीवन के लिए आदर्श

हनुमान जी का चरित्र हमें सिखाता है:

  1. भक्ति में शक्ति है – निष्काम भक्ति सबसे बड़ा बल है।

  2. सेवा भावना – बिना स्वार्थ सेवा करना परम धर्म है।

  3. साहस और धैर्य – कठिन से कठिन कार्य भी संभव हो सकते हैं।

  4. गुरु और प्रभु भक्ति – गुरु की आज्ञा ही मार्गदर्शन है।

🌈 हनुमान जी से मिलने वाले जीवन संदेश

संदेशजीवन में महत्व
श्रद्धा और विश्वासआत्मबल को जागृत करता है
निःस्वार्थ सेवासामाजिक सहयोग बढ़ाता है
संयम और साधनामानसिक शांति और विकास
गुरु भक्तिसही दिशा में मार्गदर्शन

🧿 हनुमान जी के मंत्र और स्तुति

1. हनुमान चालीसा
2. बजरंग बाण
3. हनुमान अष्टक
4. “ॐ हनुमंते नमः” – इस बीज मंत्र का जप अत्यंत फलदायी है।

हनुमान जी केवल एक देवता नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सेवा, भक्ति, साहस और विनम्रता से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है।

आज के युग में यदि हम हनुमान जी के गुणों को अपनाएं, तो जीवन की हर कठिनाई आसान हो सकती है।

🚩 जय श्री राम | जय बजरंगबली

📝 निष्कर्ष

हनुमान जयंती एक ऐसा पर्व है जो हमें जीवन में भक्ति, शक्ति, सेवा और समर्पण का महत्व सिखाता है। इस दिन भगवान हनुमान की सच्चे मन से पूजा करने पर न केवल मानसिक बल प्राप्त होता है, बल्कि जीवन की सभी बाधाएं भी दूर होती हैं।

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