भारत के प्रमुख मंदिर और उनकी वास्तुकला

भारत, जिसे “मंदिरों का देश” भी कहा जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर न केवल आस्था और भक्ति के केंद्र हैं, बल्कि भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला के उत्कृष्ट उदाहरण भी हैं। भारत के मंदिरों की वास्तुकला में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक तत्वों का सुंदर समावेश देखने को मिलता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग स्थापत्य शैलियों में मंदिरों का निर्माण हुआ है। इनमें मुख्य रूप से उत्तर भारतीय नागर शैली, दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली और मिश्रित वेसर शैली प्रमुख हैं। इन मंदिरों की भव्यता और नक्काशी भारतीय कला और संस्कृति की अमूल्य धरोहर है।

इस ब्लॉग में हम भारत के प्रमुख मंदिरों और उनकी स्थापत्य शैलियों (वास्तुकला) के बारे में विस्तार से जानेंगे।

भारत में मंदिर निर्माण की परंपरा को तीन प्रमुख शैलियों में बांटा गया है:

1. नागर शैली (उत्तर भारतीय शैली)

  • यह शैली मुख्य रूप से उत्तर भारत में प्रचलित है।

  • इस शैली के मंदिरों की छतें शिखर के रूप में होती हैं।

  • गर्भगृह के ऊपर एक ऊँचा शिखर (टॉवर) होता है।

  • मंदिर का आधार आमतौर पर वर्गाकार होता है।

  • गर्भगृह के चारों ओर मंडप होते हैं।

  • शिखर पर आमतौर पर आमलक (धातु या पत्थर से बना गोलाकार चक्र) होता है।

प्रसिद्ध नागर शैली के मंदिर:

✅ काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी)
✅ खजुराहो के मंदिर (मध्य प्रदेश)
✅ कोणार्क का सूर्य मंदिर (ओडिशा)
✅ जगन्नाथ मंदिर (पुरी)


  • यह शैली दक्षिण भारत में प्रचलित है।

  • इस शैली के मंदिरों में गोपुरम (मुख्य द्वार) विशाल और रंगीन होते हैं।

  • गर्भगृह के ऊपर विमान (शिखर) होता है, जो सीढ़ीनुमा होता है।

  • द्रविड़ शैली के मंदिरों में पत्थरों पर जटिल नक्काशी होती है।

  • मंदिर के चारों ओर विशाल दीवारें होती हैं।

  • गर्भगृह में मुख्य मूर्ति स्थापित होती है।

प्रसिद्ध द्रविड़ शैली के मंदिर:

✅ मीनाक्षी मंदिर (मदुरै)
✅ बृहदेश्वर मंदिर (तंजावुर)
✅ रामेश्वरम मंदिर (तमिलनाडु)
✅ चिदंबरम मंदिर (तमिलनाडु)

3. वेसर शैली (मिश्रित शैली)

  • यह शैली मुख्य रूप से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में प्रचलित है।

  • वेसर शैली में नागर और द्रविड़ शैली का मिश्रण देखने को मिलता है।

  • मंदिर का आधार और स्तंभ नागर शैली के होते हैं।

  • गोपुरम और विमान द्रविड़ शैली के होते हैं।

  • मंदिरों में जटिल मूर्तिकला और नक्काशी होती है।

प्रसिद्ध वेसर शैली के मंदिर:

✅ बादामी का गुफा मंदिर (कर्नाटक)
✅ पट्टडकल का विरुपाक्ष मंदिर (कर्नाटक)
✅ ऐहोल का दुर्गा मंदिर (कर्नाटक)
✅ होयसलेश्वर मंदिर (कर्नाटक)

भारत के प्रमुख मंदिर और उनकी वास्तुकला

मंदिर

1. काशी विश्वनाथ मंदिर (उत्तर प्रदेश)

  • स्थान: वाराणसी

  • शैली: नागर शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान शिव को समर्पित है।

  • मंदिर का शिखर स्वर्ण से मढ़ा हुआ है।

  • इस मंदिर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है।

मंदिर

2. जगन्नाथ मंदिर (पुरी, ओडिशा)

मंदिर
  • स्थान: पुरी, ओडिशा

  • शैली: नागर शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान जगन्नाथ (विष्णु) को समर्पित है।

  • इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएँ स्थापित हैं।

  • यहाँ हर साल रथ यात्रा का आयोजन होता है।

3. कोणार्क का सूर्य मंदिर (ओडिशा)

मंदिर
  • स्थान: कोणार्क, ओडिशा

  • शैली: नागर शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है।

  • मंदिर की आकृति सूर्य के रथ की तरह है, जिसमें सात घोड़े और 24 पहिए हैं।

  • इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है।

4. मीनाक्षी मंदिर (मदुरै, तमिलनाडु)

मंदिर
  • स्थान: मदुरै, तमिलनाडु

  • शैली: द्रविड़ शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह देवी मीनाक्षी (पार्वती) और भगवान सुंदरेश्वर (शिव) को समर्पित है।

  • इस मंदिर के गोपुरम (द्वार) पर जटिल नक्काशी और रंगीन मूर्तियाँ हैं।

  • इस मंदिर का प्रांगण बहुत विशाल है।

5. रामेश्वरम मंदिर (तमिलनाडु)

मंदिर
  • स्थान: रामेश्वरम, तमिलनाडु

  • शैली: द्रविड़ शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

  • इस मंदिर का गलियारा विश्व का सबसे लंबा मंदिर गलियारा है।

6. सोमनाथ मंदिर (गुजरात)

मंदिर
  • स्थान: प्रभास पाटन, गुजरात

  • शैली: नागर शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

  • इसे कई बार नष्ट किया गया और फिर से बनाया गया।

.

मंदिर

7. तिरुपति बालाजी मंदिर (आंध्र प्रदेश)

मंदिर
  • स्थान: तिरुमला, आंध्र प्रदेश

  • शैली: द्रविड़ शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान वेंकटेश्वर (विष्णु) को समर्पित है।

  • यह विश्व के सबसे धनी मंदिरों में से एक है।

  • यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।

8. बृहदेश्वर मंदिर (तंजावुर, तमिलनाडु)

मंदिर
  • स्थान: तंजावुर, तमिलनाडु

  • शैली: द्रविड़ शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान शिव को समर्पित है।

  • यह ग्रेनाइट पत्थरों से बना हुआ है।

  • इस मंदिर का शिखर 216 फीट ऊँचा है।

9. बद्रीनाथ मंदिर (उत्तराखंड)

मंदिर
  • स्थान: बद्रीनाथ, उत्तराखंड

  • शैली: नागर शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान विष्णु को समर्पित है।

  • मंदिर के चारों ओर हिमालय की चोटियाँ हैं।

10. केदारनाथ मंदिर (उत्तराखंड)

मंदिर
  • स्थान: केदारनाथ, उत्तराखंड

  • शैली: नागर शैली

  • प्रमुख विशेषता: यह भगवान शिव को समर्पित है।

  • यह समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

भारतीय मंदिर वास्तुकला की विशेषताएँ

✔️ भव्य शिखर और गोपुरम
✔️ जटिल मूर्तिकला और नक्काशी
✔️ मंडप और प्रांगण
✔️ धार्मिक प्रतीक और मूर्तियाँ
✔️ संस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

निष्कर्ष

भारतीय मंदिर वास्तुकला भारतीय संस्कृति की पहचान है। ये मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि शिल्प और वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण भी हैं। नागर, द्रविड़ और वेसर शैली में बने ये मंदिर भारतीय कला और परंपरा की जीवंत गवाही देते हैं।

Leave a Comment