बुद्धिमान राजा
एक समय की बात है, एक छोटे से राज्य का एक राजा था, जो बहुत ही बुद्धिमान और न्यायप्रिय था। उसके राज्य में हर कोई खुश था, क्योंकि राजा हमेशा सही निर्णय लेता और अपने प्रजा के लिए काम करता था।
राजा के पास एक सच्चे मित्र के रूप में एक विद्वान मंत्री था। राजा और मंत्री के बीच बहुत अच्छे संबंध थे, और वे हर समस्या का हल मिलकर ढूंढ़ते थे। एक दिन, राज्य में एक बड़ा संकट आ गया।
राज्य की नदियों का पानी सूखने लगा था और फसलें भी मुरझाने लगीं। प्रजा में भय और निराशा फैलने लगी। राजा ने तुरंत अपने मंत्री को बुलाया और इस समस्या का हल जानने के लिए उसे हर रास्ता ढूंढ़ने का आदेश दिया।
मंत्री ने कई दिनों तक विचार किया और फिर राजा के पास जाकर कहा, “महाराज, मैं एक उपाय सोच रहा हूँ। लेकिन इसके लिए आपको एक कठिन निर्णय लेना होगा।”
राजा ने गंभीर होकर पूछा, “वो क्या उपाय है?”
मंत्री ने कहा, “महाराज, इस संकट का एकमात्र हल है, लेकिन इसके लिए आपको अपने राज्य के सबसे अच्छे और सबसे योग्य व्यक्ति को चुनकर उसे एक बड़ी चुनौती देनी होगी।”
राजा ने कहा, “ठीक है, तुम वह व्यक्ति चुनो।”

मंत्री ने राज्य में एक बड़ा आयोजन कराया, जिसमें सभी लोगों को आमंत्रित किया गया। इस आयोजन में राजा ने यह घोषणा की कि जो भी व्यक्ति इस चुनौती को पूरा करेगा, उसे राज्य का सबसे बड़ा पुरस्कार दिया जाएगा।
चुनौती यह थी कि उस व्यक्ति को एक विशेष प्रकार की दवा बनानी होगी, जो नदियों को फिर से भरने में मदद करे। यह दवा पूरी तरह से गुप्त और रहस्यमय थी, और इसे बनाने के लिए हर किसी को अपनी पूरी समझ और बुद्धि का उपयोग करना था।
राज्य के कई लोग इस चुनौती में शामिल हुए, लेकिन अंत में वही व्यक्ति सफल हुआ, जिसने पहले इस काम को कठिनाइयों के बावजूद सही तरीके से किया। राजा ने उस व्यक्ति को इनाम दिया और कहा, “तुमने यह साबित कर दिया कि बुद्धिमान और योग्य व्यक्ति किसी भी मुश्किल को हल कर सकते हैं।”
इसके बाद, उस व्यक्ति की दवा से नदियाँ फिर से बहने लगीं और राज्य की फसलें फिर से हरी-भरी हो गईं। प्रजा खुशी से झूम उठी और राजा के बारे में अच्छे शब्दों से चर्चा करने लगी। राजा ने अपने राज्य के लोगों को यह सिखाया कि बुद्धिमानी और सही निर्णय से कोई भी संकट हल किया जा सकता है।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि बुद्धिमान निर्णय और समझदारी से हम किसी भी समस्या का हल पा सकते हैं।