6 मई 2025 की रात भारतीय इतिहास में दर्ज हो गई। यह वही रात थी जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को एक निर्णायक और साहसी जवाब दिया। यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि भारत की संप्रभुता, वीरता और कूटनीति की मिसाल बन गई।

“ऑपरेशन सिंदूर” एक गुप्त सैन्य मिशन था, जिसे भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों द्वारा मिलकर अंजाम दिया गया। इस मिशन का उद्देश्य था – पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही घुसपैठ, आतंकी गतिविधियों और सीज़फायर उल्लंघनों का मुँहतोड़ जवाब देना।
अप्रैल 2025 के अंत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में भारतीय जवानों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
खुफिया सूत्रों ने बताया कि यह हमला पाकिस्तान की ISI द्वारा संचालित आतंकी गुटों द्वारा किया गया था।
इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में उच्च स्तरीय बैठकें हुईं और जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई गई।
रणनीति और योजना
ऑपरेशन सिंदूर की योजना 3 चरणों में तैयार की गई थी:
खुफिया जानकारी एकत्र करना: RAW और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने POK (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों की पहचान की।
मिशन की तैयारी: NSG, पैराकमांडो और स्पेशल फोर्सेज को शामिल किया गया। DRDO ने रात्रि दृष्टि प्रणाली और ड्रोन सपोर्ट मुहैया कराया।
कार्रवाई : 6 मई की रात 2:30 बजे
✈️ पहला चरण: हवाई निगरानी और ड्रोन स्कैनिंग
मिशन से 24 घंटे पहले Heron और Rustom-2 ड्रोन से इलाकों की मैपिंग हुई।
सेना ने Line of Control (LOC) पार कर दो मुख्य टारगेट चुने
💣 दूसरा चरण: सर्जिकल स्ट्राइक
पैरा कमांडो यूनिट ने हेलीकॉप्टर से उतरकर आतंकियों के 4 ठिकानों को ध्वस्त किया।
इस दौरान कोई भारतीय जवान हताहत नहीं हुआ, जबकि पाकिस्तान की तरफ 40 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए।
🚁 तीसरा चरण: वापसी और कवर फायर
ऑपरेशन के दौरान भारत ने LOC पर अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग की ताकि वापसी सुरक्षित हो सके।
मिशन मात्र 45 मिनट में पूरा हुआ, और सभी जवान सकुशल लौट आए।

🇮🇳 सेना की भूमिका
भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने इस मिशन को लीड किया।
IAF (Indian Air Force) ने एयर कवर और निगरानी की।
नौसेना की MARCOS यूनिट को तैयार रखा गया था, यदि समंदर के रास्ते पलटवार होता।
🧨 मिशन के प्रमुख हथियार और तकनीक
हथियार/तकनीक | भूमिका |
---|
Rustom-2 ड्रोन | निगरानी और बमबारी पूर्व स्कैनिंग |
Spike मिसाइल | सटीक निशाना साधने के लिए |
AK-203 | पैरा कमांडो की मुख्य राइफल |
MI-17 हेलीकॉप्टर | एयरलिफ्ट और कवर |
Dhanush तोप | LOC पर फायरिंग समर्थन |

📢 पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने शुरुआत में हमले से इनकार किया।
बाद में मीडिया और स्थानीय सूत्रों ने 40 से अधिक आतंकियों की मौत की पुष्टि की।
ISI की घबराहट साफ दिखी, क्योंकि भारत ने आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया।
🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने डोजियर सौंपा जिसमें आतंकी कैंप की सैटेलाइट तस्वीरें थी।
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरा गया।
#OperationSindoor ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा।
न्यूज़ चैनलों ने विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए, जिनमें भारतीय सेना की रणनीति की प्रशंसा हुई।
देशभर में लोगों ने थालियां बजाकर, दीप जलाकर जवानों को सम्मान दिया।

“सिंदूर” शब्द को नाम देने के पीछे भी एक भावना छिपी है:
यह नारी शक्ति और मातृभूमि के सम्मान का प्रतीक है।
यह ऑपरेशन भारत माता के सम्मान और सुरक्षा के लिए था।
यही कारण है कि मिशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया।
🧭 भविष्य की रणनीति
भारत अब “प्रोएक्टिव डिफेंस” नीति पर काम कर रहा है।
सीमा पार आतंकी ठिकानों पर नज़र रखने के लिए लगातार AI-ड्रोन पेट्रोलिंग हो रही है।
सुरक्षा एजेंसियों को और मजबूत किया गया है।

🔚 निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत की इच्छा शक्ति, तकनीक, साहस और रणनीति का संगम था। इस ऑपरेशन ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब हर हमले का जवाब देगा – पूरी ताकत से।