अमरनाथ गुफा भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मानी जाती है। यह गुफा समुद्रतल से लगभग 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। हर साल हजारों श्रद्धालु कठिन यात्रा कर इस गुफा तक पहुंचते हैं और बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन करते हैं।
केवल SASB द्वारा अनुमोदित डॉक्टर/अस्पताल से बनवाएं।
✅ 3. यात्रा की तारीखें जान लें
अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत जुलाई के पहले सप्ताह से हो सकती है और यह अगस्त तक चलेगी (श्रावण पूर्णिमा तक)।
तारीख की पुष्टि SASB की वेबसाइट से करें।
✅ 4. दो मुख्य मार्ग हैं
पहलगाम रूट (46 किमी) – अधिक सुंदर लेकिन लंबा।
बालटाल रूट (14 किमी) – छोटा लेकिन अधिक कठिन और खड़ी चढ़ाई।
✅ 5. शारीरिक तैयारी करें
यात्रा ऊंचाई पर होती है, इसलिए कम से कम 1 महीने पहले से वॉकिंग, सीढ़ियां चढ़ना, और हल्का कार्डियो शुरू करें
✅ 6. ऊंचाई की बीमारी से बचें
उच्च पर्वतीय क्षेत्र में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
डॉक्टर से सलाह लेकर Diamox जैसे दवाएं ले जा सकते हैं।
✅ 7. जरूरी सामान साथ रखें
गरम कपड़े, रेनकोट, वाटरप्रूफ जूते, दस्ताने, टोपी, सनग्लासेस
टॉर्च, ऊनी मोजे, ऊंचाई पर काम करने वाली दवाएं, ORS, बैंडेज, और पावर बैंक
✅ 8. ट्रैवल इंश्योरेंस लें
SASB द्वारा दिया जाने वाला बीमा कवर रजिस्ट्रेशन के साथ आता है, लेकिन निजी ट्रैवल इंश्योरेंस भी लें।
✅ 9. ग्रुप में यात्रा करें
अकेले यात्रा करने की बजाय किसी ग्रुप या पंजीकृत टूर ऑपरेटर के साथ जाएं।
✅ 10. मौसम की जानकारी रखें
बर्फबारी और भारी बारिश के कारण मार्ग कभी भी बंद हो सकता है।
यात्रा शुरू करने से पहले मौसम अपडेट ज़रूर लें।
🙏 13. निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव है। अगर आपने 2025 में यह यात्रा करने की योजना बनाई है, तो समय रहते रजिस्ट्रेशन करवा लें और पूरी तैयारी से जाएं। यह यात्रा आपके जीवन की सबसे यादगार यात्राओं में से एक होगी।